Koverstory Desk :- गणेश चतुर्थी , भगवान् श्री गणेश के इस पर्व का लोगो को हर साल बहुत ही बेसब्री से इंतज़ार रहता है। इस साल गणेश चतुर्थी का पर्व 19 सितम्बर से शुरू हो गया और यह 28 सितम्बर तक समाप्त हो जाएगा। यह पर्व 10 दिन तक चलता है और लोग बहुत ही धूम धाम से भगवान् श्री गणेश जी के मूर्ति की स्थापना करते है।
पुणे के सोसइटी में गणेश चतुर्थी की धूम
भगवान् गणेश जी की स्थापना घर घर में की जाती है साथ ही साथ लगभग हर सोसाइटी में भगवान् गणेश जी की स्थापना की जाती है। आइये जाने पुणे के एक सोसाइटी में कैसे इस पर्व को मनाया जाता है और हर दिन के क्या क्या कार्यकम होते है। पुणे के खराड़ी में स्थित ‘Guardian Eastern Meadows‘ गार्डियन ईस्टर्न मेदोस में गणेश चतुर्थी के इस त्यौहार को बहुत ही धूम धाम से मनाया जा रहा है ।
19 सितम्बर को भगवान् श्री गणेश जी के प्रतिमा को लाया गया और इस प्रतिमा एक भव्य पंडाल में स्थापित किया गया। प्रतिमा को स्थापित करने से पहले भगवान् श्री गणेश का स्वागत ढोल नगाड़े के साथ किया गया। पूरी सोसाइटी से जमकर भगवान् सही गणेश का स्वागत बहुत ही धूम धाम से किया । सबसे से जयादा उत्साह छोटे बच्चों में देखा गया। इस दिन शाम में , तम्बोला का कार्यकम किया गया। इस कार्यकम को Jinal और Kirti जी के द्वारा संपन्न किया गया।
पुणे के ‘Guardian Eastern Meadows‘ में भगवान् श्री गणेश की प्रतिमा –
भगवान् श्री गणेश के स्थापना की धूम निचे देखे –
20 सितम्बर को सांस्कृतिक रात्रि का कार्यकम रखा गया जिसमे डांस , फैंसी ड्रेस , सिंगिंग इत्यादि को शामिल किया गया। इसमें बड़े और बच्चों ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया। इस कार्यकम को Jinal shah , Kirti Srivastava और Prerna sharma के द्वारा आयोजित किया गया।
बच्चों के निर्त्य के कुछ झलकियां –
भगवान् के दर्शन और कार्यक्रम को देखते लोग
21 सितम्बर को ड्राइंग प्रतियोगी , बच्चों के लिए खेल , और मेले का आयोजन किया गया । इसका आयोजन Priyanka Satao और Swati Bhonge , Deepali Bhole , Anuja Dhandarphale , Anima kumar और Priya Thawani द्वारा किया गया।
22 सितम्बर को महाप्रसादम का आयोजन किया गया जिसमे सभी के रात के भोजन का आयोजन किया गया।
महाप्रसादम का आयोजन –
23 सितम्बर को शाम में आरती के बाद , भगवान् श्री गणेश को अगले साल के लिए विदाई दी गयी। सोसइटी से विदा होने के बाद भगवान् श्री गणेश जी का विधि पूर्वक पर्यावरण को ध्यान में रखकर विसर्जन किया।
भगवान् श्री गणेश को धूम धाम से विदा करते log
गणेश चतुर्थी क्यों मनाई जाती है
गणेश चतुर्थी का यह त्यौहार बहुत ही धूम धाम से देश क कोने कोने में मनाया जाता है। लेकिन बहुत ही कम लोगो को यह पता भी नहीं है की गणेश चतुर्थी क्यों मनाई जाती है। आइये जाने गणेश चतुर्थी क्यों मनाई जाती है। कुछ पुराणी कथाओ और सनातन धर्म के अनुसार ऐसा मन जाता है की माता पर्वती जी ने गणेश चतुर्थी के दिन ही भगवान् श्री गणेश जी को जनम दिया था और तब से भगवान् श्री गणेश जी के जन्म के उपलक्ष्य में हर साल गणेश चतुर्थी मनाई जाती है। यह पर्व भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन हर साल बहुत ही धूम धाम से मनाई जाती है।
एक और पुराणी ऐतिहासिक कथा के अनुसार कुछ और भी मान्यता है जिसमे बोलै जाता है की महर्षि वेदव्यास जी ने , महाभारत की रचना को लिपिबद्ध करने की प्राथना की थी। उसके बाद महर्षि वेदव्यास जी ने गणेश चतुर्थी के दिन ही श्लोक बोलना शुरू किया था और भगवान् श्री गणेश जी ने उन् शोलोकों को लिपिबद्ध करना शुरू किया था , महर्षि वेदव्यास जी ने 10 दिन तक बिना रुके श्लोक बोलै और भगवान् श्री गणेश जी ने बिना रुके 10 दिन तक सभी श्लोकों को पुरे विवरण के साथ लिपिबद्ध किया। इसके बाद भगवान् श्री गणेश जी पर बहुत ही धुल मिटटी जम गयी थी जिसके कारण भगवान् गणेश ने दसवें दिन सरस्वती नदी ने स्नान किया और खुद को साफ़ किया।
मुंबई , पुणे की गणेश चतुर्थी
गणेश चतुर्थी का यह पर्व मुंबई और पुणे में बहुत ही भारी , धूम धाम से मनाया जाता है। हलाकि यह त्योहार देश के सभी हिस्सों में मनाया जाट है लेकिन पुणे और मुंबई में इस त्योहार को बहुत ही बढ़ चढ़ कर मनाया जाता है। मुंबई में स्थित लालबगचाराजा और पुणे में स्थित दगडूसेठ के गणपति बहुत ही प्रसिद्द है। यहाँ लोग दुनिया के कोने कोने से इस त्योहार को देखने के लिए आते है।
दगडूसेठ हलवाई गणपति के दर्शन –
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