भारत ने रचा इतिहास , चन्द्रयान-3 ने चाँद पर रखा कदम !

Image -ISRO Chandryaan - 3
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कवरस्टोरी डेस्क : –भारत ने 14 जुलाई को चाँद पर चंद्रयान -3 भेजा था जी अपनी 40 दिन की यात्रा क बाद आज 23 अगस्त को सफलतापूर्वक चाँद पर कदम रखा । इसके साथ भारत को NASA जो की दुनिया की सबसे बड़ी स्पेस कंपनी है । NASA ने भी बधाई दी । इस पल का सभी भारत वासियों को बहुत ही बे सबरी से इंतज़ार था । इस मिशन से भारत ने दुनिया को दिखा दिया की हम भी किसी से काम नहीं । एक तरफ जो दुनिया भारत वासियों को पिछड़ा हुआ और अंतरिक्ष के विभाग में असफल देश माना जाता था । यह मिशन भारत को दुनिया में सबसे आगे रखने में बहुत ही अहम कदम है।

चंद्रयान -3 की सफलता के बाद भारत को पूरी दुनिया से बधाई मिल रही है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और राहुल गाँधी और भी लोगो ने  सफलता भारत के लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्यों की ,  भारत ने चंद्रयान -3 को उस जगह पर उतरा है जहाँ पर दुनिया के किसी भी देश ने कदम नहीं रखा। चाँद का दाशिदि धुर्व जो की ऐसी जगह है जहाँ पर कभी भी सूर्य की रोशिनी नहीं पड़ती है । अगर धरती से तुलना की जाए तो , अंटार्टिका जो की पृथ्वी के दक्षिणी ध्रुव पर इस्थित है जहाँ पर पहुंचना और रहना बहुत ही मुश्किल है वैसी ही यह दक्षिणी ध्रुव है जहाँ पर चंद्रयान -3 ने सफलता पूर्वक कदम रखा है। अब आप समझ सकते है की यह भारत के लिए कितनी बड़ी उपलब्धि है ।

PM Congratulating ISRO

PM Congratulating ISROइसरो  के वैज्ञानिको के लिए यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है । वैज्ञानिको ने इसरो को दुनिया में सबसे आगे रख दिया है । इसके पहले भी इसराइल और अन्य देशो ने बहुत बार चाँद पर पहुंचने के लिए प्रयास किया लेकिन असफल रहे । हलाकि भारत से पहले अमेरिका और रूस ने चाँद पर पहुंच चुके है लेकिन भारत के लिए यह बहुत की कठिन इसलिए था क्यूंकि , भारत ने ऐसी जगह अपने चंद्रयान -3 को उतारा है जहाँ पर न तो अमेरिका न ही अन्य कोई देश पहुंचे है। 

ISRO - Celebration after successful landing
ISRO – Celebration after successful landing

जैसा की भारत में बोला  जाता है ” चंदा मामा दूर के ” लेकिन अब ऐसा लगता है , शायद यह कहावत हमे अब वापस से लिखनी पड़ेगी। यह कहावत हर महिला अपने छोटे बच्चों को बचपन में सुनाया करती है। हालांकि यह कहावत शायद आज के बच्चों ने ना सुनी हो । लेकिन अब हम अपनी युग के बच्चों को बोल सकते है ‘” चंदा मामा पास के “!

आएये समझते है अंतिम के वो 15 मिनट जब की सारे देश के दिल की धड़कने बढ़ गयी थी । यह 15 मिनट इसलिए महत्वपूर्ण है क्यूंकि इन् 15 मिनट में जो भी कुछ होना है वो इसरो के कमांड में नहीं था , यह एक प्रोग्राम था जो चंद्रयान -3 को अपने आप से करना था । इन् 15 मिनट्स को इसरो ने चार भाग में बताया है।

1- रफ़ ब्रेकिंग स्टेज – इस्मे चंद्रयान -3 की गति को 1600 मीटर पर सेकंड से काम कर के लगभग 350 मीटर पर सेकण्ड्स पर लाया गया और यह भी केवल 11 मिनट के समयकाल में करना है । इस टाइम पर इसकी उचाई चाँद की सतह से लगभग – 7.3 किलोमीटर रह जायेगी। और इसकी गति को काम करने क लिए 800 न्यूटन क चार इंजन का इस्तेमाल किया गया ।

Chandrayaan -3

चंद्रयान -3

2- ऐटिटूड होल्ड स्टेज – इस स्टेज पर लैंडिंग का निर्णय लेना है , इससमे लैंडर सीधा होता है और लैंडिंग का कैमरा शुरू हो जाएगा । और चाँद के सतह की कुछ फोटो लेता है ।

3- स्मूथ ब्रेकिंग स्टेज – इसमें लैंडर का ऐटिटूड 1100 मीटर पर हो जाएगा । और लैंडर अब खड़ा हो जाता है

ISRO Chandrayaan -3

4- टर्मिनल डेसेन्ट फेज – इस फेज में  अंततः लैंडर को चाँद पर उतरना है 3meter /sec फिर 2meter/sec ऐसे है लैंडर की गति कम होती चली जायेगी।  जब लैंडर चाँद की सतह        से  150 मीटर दूर होगा तब लैंडर कुछ पल के लिए हवा में रुकेगा जिसमे कुछ इंटरनल प्रोग्राम एक्टिव होंगे फिर लैंडर वापस चाँद पर उतरने लगेगा ।

 

आएगी पढ़े क्या भारत अपने मिशन में सफल होगा ?

 

 

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