एहसान फ़रामोश मालदीव ने , भारत से विवाद के बाद चीन के साथ 20 समझौते पर हस्ताक्षर किये !!!

Modi - xi-jingping

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हम सब जानते है की भारत और मालदीव के बीच विवाद बढ़ता ही जा रहा है। आज हम इनके बारे में विस्तार से जानेगे।

भारत और मालदीव के बीच का विवाद तब शुरू हुआ जब मालदीव में राष्ट्रपति के चुनाव होने वाले थे भारत के विवाद तभी से शुरू हो गए थे। लेकिन जब चुनाव का के नतीजे आ गए और मोहमद मुइज़्ज़ु को राष्ट्रपति की कुर्सी मिल गयी। मालदीव एक मुस्लिम देश है और भारत के मुस्लिम देशो से सम्बन्ध थोड़े नाजुक ही रहते है। मालदीव में अभी तक जितने भी राट्रपति बने है सब के सब सबसे पहले भारत से मिलने आते थे और ये कोई नयी बात नहीं है ये जब से मालदीव देश बना है तब से है इसके कुछ महत्वपूर्ण कारन भी है जिसके बारे में हम निचे चर्चा करेंगे।

INDIA-MALDIVES TENsion

जब भारत ने देखा की मालदीव के नए राष्ट्रपति भारत से मिलने नहीं आये और चीन के साथ अपने सम्बन्ध बढ़ा रहे है। जितनी भी मदद भारत ने मालदीव को विकसित करने में की है शायद ही किसी देश ने की होगी। यह सब देखते हुए भारत के प्रधानमंत्री ने हाल ही में लक्ष्यदीप की यात्रा की और कुछ मनमोहक फोटो साझा की। और इन् फोटो पर मालदीव के 3 सांसद ने हमारे माननीय प्रधानमंत्री पर कुछ गलत टिप्पड़ियां कर दी जो की भारत के हर एक नागरिक के दिल को छू गयी । हलाकि उन् सभी 3 सांसद  को बाद में कार्यवाई करते हुए निलंबित कर दिया गया।

यह विवाद यही नहीं रुका और हर एक पर्यटक जिसने भी यह सुना की हमारे प्रधानमत्री पर भद्दे कमैंट्स किये हाय है सभी ने मालदीव की यात्रा को इस्थगित कर दिया और लक्ष्यदीप की टिकट बुक करा ली। easymytrip.com की वेबसाइट ने तो मालदीव को अपने वेबसाइट से ही हटा दिया और नारा दिया “Nation first” जिसका मतलब है हमारा राष्ट्र और इसकी प्राथमिकता सबसे से पहले है। बाकी वयापार बाद में।

इतना सब होने के बाद भी मालदीव के राष्ट्रपति मोहमद मुइज़्ज़ु इसी महीने की 10 तारीख को चीन के साथ लगभग 20 समझोते पर हस्ताक्षर किये। चीन ने मोहमद मुइज़्ज़ु और अन्टू पत्नी का लाल कालीन पर स्वागत किया जो की बहुत ही बड़ी बात है साथ ही चीन ने 21 तोपों की सलामी भी दी। मालदीव ने चीन के साथ पर्यटक को बढ़ावा देने समेत BRI जैसे कई और सेक्टर और डेवलपमेंट को ले कर करार किया ।

China – Maldives

मालदीव के इस कदम ने भारत की टेंशन बढ़ा दी है दक्षिण की तरफ से नज़र डाले तो श्री लंका में पहले से चीन की मौजूदगी है और अब आने वाले समय में अगर चीन अपने सैनिको को मालदीव में भी रख देगा को भारत लगभग ऊपर निचे चारों तरफ से चीन से घिर जाएगा। पकिस्तान  और अरुणाचल में पहले से चीन की मजूदगी है और अब श्री लंका और मालदीव में भी , यह भारत के लिए खतरा बन सकता है।

500 सालों के वनवास के बाद , घर लौटे प्रभु राम।

 

 

 

 

 

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